मिठास की भी अजब कैफियत है यारो !
मिठास, जुबान में घुल जाए तो,
करिश्मा कर जाती है ।
व्यक्तित्त्व का, कोना कोना महका देती है ।
जहान को अपना बना लेती है ।
जिंदगी गुलज़ार बना जाती है ।
मिठास, खून में घुल जाए तो,
जी का जंजाल बन जाती है ।
मीठा ज़हर बनकर ,
जिंदगी ,
टुकडा टुकडा ,जीने को
मजबूर कर जाती है ,
बिमारियों की दलदल में ,
धकेल जाती है ।
सारी खुशियाँ छीनकर
जिंदगी वीरान कर जाती है ।
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