Wednesday, December 11, 2019

तिरोही गज़ल
कोई खूबसूरत सा शहर देख लेते
या दिल का मेरा ये नगर देख लेते
मुझे अपनी खुशबू में तर देख लेते
होश में रहकर के इश्क नहीं होता
दिल में मेरे तुम उतर कर देख लेते
अपनी मुहब्बत का असर देख लेते
सुकून इतना मिलता न दैरो हरम में
सुकून मिलता जो मेरे घर देख लेते
इश्क का तुम भी जिगर देख लेते
दूर तक फैल जाती खुशबू हमारी
मेरे प्यार करने का हुनर देख लेते
इन्तेहा ए इश्क का असर देख लेते
दैरो हरम - मंदिर मस्जिद
डॉ सत्येन्द्र गुप्ता

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