Wednesday, April 11, 2018

---- तेरी खुशबू -----
खुद को खुशबू का टुकड़ा बना रखा है
तेरी खुशबू ने सबको ही लुभा रखा है
क्या खूब तूने खुद को महका रखा है
हर इक साँस में ख़ुद को बसा रखा है
मेंरे दिल में भी रहती है हसरत बनकर
मैंने भी उसे अपना महबूब बना रखा है
हमें परवाह नहीं हम तो आदी हो गये
लेकिन इसने ऊधम बड़ा मचा रखा है
मैं मदहोश रहता हूँ तेरी ही खुशबू में
मैंने तेरी खुशबू से गौना करा रखा है

1 comment:

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