Sunday, November 12, 2017

कद से बड़ा ख्वाब देख लिया
दिन मे ही माहताब देख लिया
जिंदगी की कमी पूरी हो गई
आज मैंने वो शबाब देख लिया
सवाल करने की हिम्मत न हुई
जब उनका जवाब देख लिया
हाले दिल उनहे सुनाते भी क्या
उनहोंने सारा हिसाब देख लिया
रात ने करवट जरा सी बदली
आखों ने आफताब देख लिया
खाली पीली मुंह कड़वा हो गया
पीकर के मैंने शराब देख लिया

No comments:

Post a Comment