Sunday, March 27, 2016

अपनी मुहब्बत का असर देख लेना 
मुझे तुम बस एक नज़र देख  लेना। 

मेरी दीवानगी तुम देखो या न देखो 
मुझे अपनी खुशबू से तर देख लेना। 

पन्ने पलट कर तुम अदाओं के मेरी
प्यार करने का मेरा हुनर देख लेना। 

सुक़ून इतना मिलेगा न दैरो हरम में 
सुकून वह मिलेगा मेरे घर देख लेना। 

मुझे मुहब्बत  ने बख़्शे  हज़ार गुल हैं 
मिलेगा न मुझसा हमसफ़र देख लेना। 

करीब से होकर  गुज़रो जब  मेरे तुम 
दिल का मेरे भी  तुम नगर देख लेना। 

महकने लगेगा इश्क़ जब यह हमारा 
दूर तक जायेगी यह खबर देख लेना।

बस एक गुज़ारिश तुम से है यह भी 
अपने  दोस्तों के  जिगर  देख लेना। 

                    ----  सत्येंद्र गुप्ता 

2 comments:

  1. प्रणाम सत्येंद्र जी।
    "कभी तुम पे जो आँच आये अगर तो/
    मैं बरपाऊँगा वो कहर, देख लेना//

    ReplyDelete
  2. प्रणाम सत्येंद्र जी।
    "कभी तुम पे जो आँच आये अगर तो/
    मैं बरपाऊँगा वो कहर, देख लेना//

    ReplyDelete