तुम्हारे जाने से खाली घर हो गया
नई तरह का पैदा सूनापन हो गया ।
दिल बचपन से पक्का दोस्त था मेरा
लम्हा लम्हा वह भी दुश्मन हो गया ।
जमीं हिल जाती है आसमां नहीं हिलता
छत टूटी तो सच यह बेअसर हो गया ।
क़दम क़दम पर होने लगे हैं हादसे
खतरे में जिंदगी का हर पल हो गया ।
बीमारी ने सूरत इतनी बिगाड़ दी
दूर आइना भी मुझसे अब हो गया '
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