बेडरूम उसका खाली पड़ा है
डबलबेड आँगन में पड़ा है।
ड्राइंगरूम में जगह नहीं है
फर्नीचर गलियारे में पड़ा है।
अपने रस्मो रिवाज़ हैं उसके
हर हाल में वह खुश बड़ा है।
नहीं है चिंता कोई उसको
अपनी धुन का पक्का बड़ा है।
अपने में मस्त है वह बहुत
उसे न किसी से कोई गिला है।
खुद्दार है वैसे तो बहुत वह
इन्सां न ऐसा कोई मिला है।
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