Monday, September 27, 2010

फैसला रुका हुआ मिल जाता तो अच्छा था

फैसला रुका हुआ मिल जाता तो अच्छा था
सिलसिला कोई बन जाता तो अच्छा था।
ख़ुशी से मिलता या मिलता गम से ही
करार दिल को मिल जाता तो अच्छा था।
घुट घुट के जीना भी कोई जीना है भला
गुबार दिल का निकल जाता तो अच्छा था।
है तुझ में भी है मुझ में भी अहम् भरा हुआ
घमंड दिल से निकल जाता तो अच्छा था।
नाम के साथ परेशानियाँ भी बढ़ गई मेरी
मैं अजनबी सा बन जाता तो अच्छा था।

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